banner image

shiva in hindi

Shiv-shankar-bhagwan

shiva in hindi

महादेव शिव एक ऐसे प्राणी है जिनका वर्णन एक महायोगी ,गृहस्थ ,तपस्वी, अघोरी ,नर्तक और कई अन्य अलग-अलग तरीकों से किया जाता है

क्यों इतने सारे विविध रूप धारण किए थे भगवान shiva ने अगर किसी एक व्यक्ति में इस सृष्टि की सारी विशेषताओं का जटिल मिश्रण मिलता है तो वह shiva  है

अगर आप ने shiva  को स्वीकार कर लिया तो आप जीवन से परे जा सकते हैं आमतौर पर पूरी दुनिया में लोग जिसे दैवीय या दिव्य मानते हैं उसका वर्णन हमेशा एक अच्छे रूप में करते हैैं

लेकिन अगर आप shiva  पुराण को पूरा पढ़े तो आपको shiva  का वर्णन कहीं भी सिर्फ अच्छे या बुरे रूप में नहीं मिलेगा ! उनका  ज़िक्र सुंदरता की मूर्ती के रूप में हुए है

 जिसका मतलब है सबसे सुंदर लेकिन इसी के साथ shiva  से ज़्यादा भयावह भी कोई नही हो सकता ! जो सबसे बुरा  चित्रण हो सकता है वो भी उनके बारे में लिखा है !

shiva  के बारे में यह कहा जाता है कि वह अपने शरीर पर मानव मल मलकर घूमते हैैं ! उन्होंंने हर सिमा के बाहर जाकर वो काम किया जिसके बारे में कोई आम इंसान कभी सोच भी नहीं सकता

 अगर किसी एक व्यक्ति में इस सृष्टि की सारी विशेषताओं का जटिल मिश्रण मिलता है तो वह shiva  है !  इंसान के जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष ये चुनने की कोशिश है कि क्या सुंदर है और क्या भद्दा क्या अच्छा है और क्या बुरा
shiva-shankar-bholenath
shiva-shankar

इस दुनिया में देवता, दानव ,राक्षस सहित हर तरह के प्राणी उनकी उपासना करते हैं

लेकिन अगर आप हर चीज के इस भयंकर संगम वाली शख्सियत को केवल स्वीकार कर लेते हैं तो फिर आपको कोई समस्या नहीं रहेगी वह सबसे सुंदर है तो सबसे भद्दे भी

 और अगर वह सबसे बड़े योगी व तपस्वी है तो सबसे बड़े गृहस्थ भी हैं ! वह सबसे बड़े अनुुुशाषितभी है सबसे बड़ा पियक्कड़ और नशेड़ी भी वे महान  नर्तक है तो पुर्णतः स्थिर भी

 इस दुनिया में देवता, दानव ,राक्षस सहित हर तरह के प्राणी उनकी उपासना करते हैं शिव के बारे में तमाम हज़म  ना होने वाली कहानियों व तथ्यों को तथाकथित मानव सभ्ययता ने अपनी  सुविधा से हटा दिया

 लेकिन उन्ही में shiva का सार निहित है उनके लिए  कुछ भी घिनोना और अरुचिकर नहीं है shiva ने मृत शरीर पर बैैैठकर अघोरीयों की तरह साधना की है 

घोर का मतलब है भयंकर और अघोरी का मतलब है कि जो भयंकरता से परे हो shiva एक अघोरी है वह भयंकरता  से परे है भयंकरता उन्हें छू भी नहीं सकती कोई भी चीज़ उनमे घृणा नहीं पैदा कर सकती !

वह हर चीज़ को सब को अपनाते हैं ऐसा वह किसी सहानुभूति करुणा या भावनाओं के चलते नहीं करते जैसा कि आप सोचते होंगे ! वे सहज रूप से ऐसा करते हैं क्योंकि वह जीवन की तरह हैं !

जीवन सहज ही हर किसी को गले लगाता व अपनाता है  समस्या सिर्फ आपके साथ है कि आप किसे अपनाएं और किसे छोड़े और यह समस्या मानसिक समस्या है नाकि जीवन से जुड़ी समस्या

यहां तक की अगर आपका दुश्मन भी आप के बगल में बैठा है तो आपके भीतर मौजूद जीवन को उससे भी कोई दिक्कत नहीं होगी आपका दुश्मन जो साथ छोड़ता है उसे आप लेते हैं आपके दोस्त द्वारा छोड़ी गई सांसे आपके दुश्मन द्वारा छोड़ी गई सांसो से बेहतर नहीं होती है दिक्कत सिर्फ या कह मानसिक या कहा जाए तो मनोवैज्ञानिक स्तर पर है अस्तित्व के स्तर पर देखा जाए तो कोई समस्या नहीं है


shiva-shankar-bholenath
shiva-shankar-bholenath



एक अघोरी कभी भी प्रेम की  अवस्था में नहीं रहता है दुनिया के इस हिस्से की आध्यात्मिक प्रक्रिया ने कभी भी आपको प्रेम करना दयालु या करुणामय होना नहीं सिखाया

यह इन भावनाओं को आध्यात्मिक नही बल्कि सामाजिक मानता है दयालु होना  और अपने आसपास के लोगों को देख कर मुस्कुराना पारिवारिक व सामाजिक शिष्टाचार है एक इंसान में इतनी समझ तो होनी ही चाहिए इसलिए यहां किसी ने सोचा ही नहीं कि ये चीजें भी सिखानी जरूरी है एक अघोरी जब इस आस्तित्व को अपनाता है तो वह इसे प्रेम के चलते नहीं अपना !


वह इतना सतही या कहे उथला  नहीं है बल्कि वह जीवन को अपनाता है  वह अपने भोजन और मल को एक ही तरह से देखना है उसके लिए जिंदा और मरे हुए शरीर में कोई अंतर नहीं है उसे देखता वह एक सजिसवरी देह और व्यक्ति को उसी भाव से देखता है जिस भाव से सड़ेे हुए शरीर को इसकी सीधी सी  वजह यह है कि वह पूरी तरह से जीवन बन जाना चाहता है वह अपने दिमागी या मानसिक सोचो कि जाल में नहीं फंसना चाहता

धन्यवाद
shiva in hindi shiva in hindi Reviewed by GREAT INDIA on March 19, 2020 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.