nalanda university history in hindi
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nalanda नालंदा संस्कृत शब्द नालम और दा से बना है ! संस्कृत में नालम काअर्थ कमल होता है ! कमल हिन्दू और बौद्ध धर्म में ज्ञान और विद्ववता का प्रतीक रहा है !
नालम + दा यानि कमल देने वाली या ज्ञान देने वाली !
इस अतिमहत्वपूर्ण विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्तवंश के सम्राट कुमार गुप्त प्रथम ने
413 से 455 ई० पू० में की थी ! चीनी याात्रि वैंग सांग ने अपने यात्रा वर्णनों में nalanda नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व के प्रमुख शिक्षा संस्थान बताया था !
413 से 455 ई० पू० में की थी ! चीनी याात्रि वैंग सांग ने अपने यात्रा वर्णनों में nalanda नालंदा विश्वविद्यालय को विश्व के प्रमुख शिक्षा संस्थान बताया था !
वैंग सांग के अनुसार नालंदा विश्वविद्यालय में कुल 8500 छात्र और 1500 अध्यापक थे ! nalanda नालंदा विश्वविद्यालय में एक अति विशाल पुस्तकालय था जिसका नाम था धर्मगंज !
nalanda नालंदा विश्वविद्यालय में तीन मंजिले थी जिनके नाम क्रमशः रत्नसागर, रत्नोदधि और रत्नरंजक थे ! महायान बौद्ध धर्म के इस शिक्षा केंद्र में हीनयान बौद्ध धर्म
तथा अन्य धर्मों और देशों के छात्र पढ़ते थे ! यहाँ धर्म ही नहीं राजनीती,ज्योतिष,विज्ञानं,भूगोल आदि की भी शिक्षा दी जाती थी !
गंगा नदी के असीम विस्तार के किनारे फैला है बिहार जिसकी आँखों ने सब देखा है ! साम्राज्यों का उत्थान और पतन, विजेताओं का जयघोष, प्राजीतो करुण क्रन्दन !
बिहार देेेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण था ! बिहार के विभिन्न क्षेत्रों के नाम हमारे पुराणों और महाकाव्यों मेंं आते रहते हैं
वो चाहे मगध के राजा शक्तिशाली जरासंध के लीये हो या मिथिला की सीता माता के लिए ! मध्यकाल में बिहार अपने वैभव के चरम शिखर पर था !
पंजाब से बंगाल तक फैले नन्द वंश का केेंद्र बिंदु बिहार में ही था जो मौर्यों के राज्य में और भी विशाल हो गया ! बिहार न सिर्फ वाणिज्य और व्यापार का एक बड़ा केेंद्र था
बल्कि विश्व में शिक्षा का भी सबसे बड़ा केंद्र था !
ये बिहार ही था जहाँ था विक्रमशिला विश्वविद्यालय और ये बिहार ही था जहाँ गर्व से खड़ा था
nalana नालंदा विश्वविद्यालय ! जहां एक ओर हिन्दू धर्म के वेदों और चिकित्सा सूत्र का अध्यन होता था वहीं बौद्ध त्रिपितका के तीनों विभाग
याानि विनय, सूत्र और अभिधम
की शिक्षा होती थी ! जैसे आज किसी ivy school में जाने के लिए कठिन परीक्षा देनी होती है वैसे ही
nalanda नालंदा विश्वविद्यालय में परिवेश के लिए परीक्षा देनी होती थी और विश्व के सबसे मेधावी छात्र ही यहाँ पढ़ पाते थे और एक दिन सब ख़त्म हो गया !
nalana नालंदा विश्वविद्यालय ! जहां एक ओर हिन्दू धर्म के वेदों और चिकित्सा सूत्र का अध्यन होता था वहीं बौद्ध त्रिपितका के तीनों विभाग
याानि विनय, सूत्र और अभिधम
की शिक्षा होती थी ! जैसे आज किसी ivy school में जाने के लिए कठिन परीक्षा देनी होती है वैसे ही
nalanda नालंदा विश्वविद्यालय में परिवेश के लिए परीक्षा देनी होती थी और विश्व के सबसे मेधावी छात्र ही यहाँ पढ़ पाते थे और एक दिन सब ख़त्म हो गया !
ज्ञान का ये गड़ खंडहर बन गया
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ज्ञान का ये गड़ खंडहर बन गया और ये सब किया मोहम्मद -बिन -बख्तियार-ख़िलजी नाम के एक क्रूर आक्रांता ने ! बख़्तियार-ख़िलजी एक धर्मान्ध और सनकी आदमी
था जो बाद में कुतुबद्दीन ऐबक की सेना में सेनापति बना ! नाटे कद का अजीब से डील-डोल वाला ख़िलजी सम्मान के लिए संघर्ष कर रहा था !
दिल्ली के दरबार में उसकी कोई पहचान नहीं थी ! ऐबक की फ़ौज में शामिल करने से उसे मना कर दिया गया था लेकिन बिहार में खून की नदियां बहाने के बाद
उसकी इज्ज़त बहुत बढ़ गयी थी ! ये जानकर के nalanda नालंदा विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है और जहां
हिन्दू धर्म सेे जुड़े अनेकों विषयों की पढ़ाई भी होती है ख़िलजी और उसके आक्रांता साथियों नेे धर्म और शिक्षा के इस महान केंद्र को तहस नहस कर दीया !
यहाँ के शिक्षशकों को मौत के घाट उतार दिया गया और जो बचे वो तिब्बत की ओर पलायन कर गए ! ख़िलजी ने यहाँ के पुस्तकालय को आग लगा दी !
ऐसा कहा जाता है कि जब ख़िलजी नेे नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन को जलाया तो वो तीन महिनेे तक जालता रहा !
nalanda नालंदा विश्वविद्यालय के विनाश की पूरी गाथा मिन्हहाज़-उस-शिराज़ द्वारा लिखित तबक़ात-ए-नासरी में वर्णित है !
पुस्तके जलाना और शिक्षकों को मारना आतंकियों की विरासत रही है ! आज भी हमें ऐसी घटनाएं सुनने मिल ही जाती हैं !
आज भी isis जिस शहर पर कब्ज़ा करता है वहां की दुर्लभ पांडुलिपीयां और पुस्तकों को जला देता है ! कुछ साल पहले ही इराक़ के मोसुल के एक साार्वजनिक पुस्तकालय को
isis ने बम से उड़ा दिया था जिससे 8000 पुस्तकें जलकर राख हो गई थी !सोचिये जिस आक्रांता ने धर्म और शिक्षा के उस महान केंद्र को जला कर राख कर दिया
हमनें उसके साथ क्या कीया ! हमने दीया उसे एक अमूल्य उपहार ! आज ख़िलजी के सम्मान में बिहार में पूरा एक शहर बसा है जिसका नाम है बख्तिआरपुुुर !
जी हां बात हैरान करने वली है लेकिन है सत प्रतिशत सत्य ! बख्तियारपुर बिहार की राजधानी पटना के अंतरंगत ही आता है और बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री
श्री नितीश कुमार का जन्म भी बख़्तियारपुर में ही हुुुया था ! बख्तियारपुर दानापुर रेलवे जॉन का एक महत्वपूर्ण स्टेशन भी है !
nalanda नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नाााविहेेेस भग्नाविशेषों से बसा ये शहर मात्र चालीस कीलोमीटर की दुरी पर बसा है और अगर आपको रेलवे लाईन से
नालंदा विश्वविद्यालय जाना है तो आपको बख्तियारपुुुर से होकर जाना पड़ेगा ! ये थी कहानी शिक्षा और धर्म के महान केंद्र
नालंदा विश्वविद्यालय के बनने और उजड़ने की !
था जो बाद में कुतुबद्दीन ऐबक की सेना में सेनापति बना ! नाटे कद का अजीब से डील-डोल वाला ख़िलजी सम्मान के लिए संघर्ष कर रहा था !
दिल्ली के दरबार में उसकी कोई पहचान नहीं थी ! ऐबक की फ़ौज में शामिल करने से उसे मना कर दिया गया था लेकिन बिहार में खून की नदियां बहाने के बाद
उसकी इज्ज़त बहुत बढ़ गयी थी ! ये जानकर के nalanda नालंदा विश्वविद्यालय बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र बिंदु है और जहां
हिन्दू धर्म सेे जुड़े अनेकों विषयों की पढ़ाई भी होती है ख़िलजी और उसके आक्रांता साथियों नेे धर्म और शिक्षा के इस महान केंद्र को तहस नहस कर दीया !
यहाँ के शिक्षशकों को मौत के घाट उतार दिया गया और जो बचे वो तिब्बत की ओर पलायन कर गए ! ख़िलजी ने यहाँ के पुस्तकालय को आग लगा दी !
ऐसा कहा जाता है कि जब ख़िलजी नेे नालंदा विश्वविद्यालय के पुस्तकालय भवन को जलाया तो वो तीन महिनेे तक जालता रहा !
nalanda नालंदा विश्वविद्यालय के विनाश की पूरी गाथा मिन्हहाज़-उस-शिराज़ द्वारा लिखित तबक़ात-ए-नासरी में वर्णित है !
पुस्तके जलाना और शिक्षकों को मारना आतंकियों की विरासत रही है ! आज भी हमें ऐसी घटनाएं सुनने मिल ही जाती हैं !
आज भी isis जिस शहर पर कब्ज़ा करता है वहां की दुर्लभ पांडुलिपीयां और पुस्तकों को जला देता है ! कुछ साल पहले ही इराक़ के मोसुल के एक साार्वजनिक पुस्तकालय को
isis ने बम से उड़ा दिया था जिससे 8000 पुस्तकें जलकर राख हो गई थी !सोचिये जिस आक्रांता ने धर्म और शिक्षा के उस महान केंद्र को जला कर राख कर दिया
हमनें उसके साथ क्या कीया ! हमने दीया उसे एक अमूल्य उपहार ! आज ख़िलजी के सम्मान में बिहार में पूरा एक शहर बसा है जिसका नाम है बख्तिआरपुुुर !
जी हां बात हैरान करने वली है लेकिन है सत प्रतिशत सत्य ! बख्तियारपुर बिहार की राजधानी पटना के अंतरंगत ही आता है और बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री
श्री नितीश कुमार का जन्म भी बख़्तियारपुर में ही हुुुया था ! बख्तियारपुर दानापुर रेलवे जॉन का एक महत्वपूर्ण स्टेशन भी है !
nalanda नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नाााविहेेेस भग्नाविशेषों से बसा ये शहर मात्र चालीस कीलोमीटर की दुरी पर बसा है और अगर आपको रेलवे लाईन से
नालंदा विश्वविद्यालय जाना है तो आपको बख्तियारपुुुर से होकर जाना पड़ेगा ! ये थी कहानी शिक्षा और धर्म के महान केंद्र
नालंदा विश्वविद्यालय के बनने और उजड़ने की !
nalanda university history in hindi
Reviewed by GREAT INDIA
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March 10, 2020
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